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उत्तराखंड के अलग हिस्सों में शुक्रवार को हुई बर्फबारी और बारिश ने ठंड को और भी बढ़ा दिया है, जिससे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। अब लाल निशान वाले घरों में और भी दरारे आ गयी है और ये भड़ती जा रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को 10 परिवारो को राहत शिवर में शिफ्ट किआ गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और जोशीमठ में अस्थायी राहत केंद्रों में पर्याप्त हीटर और अलाव सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।

जोशीमठ सहित उत्तराखंड में कई जगहों पर शुक्रवार को तेज़ बर्फबारी

लगभग 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ के अलावा बद्रीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी सहित चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के ऊंचाई वाले कई प्रसिद्ध स्थानों में भी हिमपात हुआ। इस स्थिति को देखते हुए सरकार और भी सतर्क हो गयी है।

देहरादून में भी सुबह बूंदाबांदी हुई, जबकि लोकप्रिय पर्यटन स्थल मसूरी में मौसम की पहली बर्फबारी हुई। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों सहित राज्य के मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रहा।

अधिकारियों ने कहा कि ज़्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी लगातार जारी है और मैदानी इलाकों में ज्यादातर जगहों पर बादल छाए हुए हैं।

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि खराब मौसम के चलते जोशीमठ में असुरक्षित सारे होटलों और घरों को तोड़ने का काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया ह। जो मौसम ठीक होने तक शुरू नहीं होगा।

जोशीमठ में खराब मौसम के कारण लगातार बढ़ती दरारें

अधिकारियों के अनुसार, जोशीमठ में 849 घरों में भूमि धंसने के बाद दरारें आ गई हैं और 258 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।

उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल, मुखबा, और भी कई जगह में भारी हिमपात हुआ है।

बर्फबारी ने गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा देहरादून-सुखोली और उत्तरकाशी-लंबगांव मोटर सड़कों को भी बंद कर दिया है।

वक़्त के साथ जोशीमठ के निवासियों के साथ साथ सरकार की भी परेशानिया भड़ती जा रही है। सरकार बहुत सूझ भुज से काम ले रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ के मूल निवासियों से बात करते हुए।

अभी सवाल ये है के क्या पीड़ित परिवार के रोज़गार का ज़िमा सरकार कितने अछे से उठाती है ? बच्चों की पढ़ाई पे भी बहुत नुकसान हो रहा है। और यात्रियों के ना आने के कारण रोज़गार को और भी नुक्सान हो रहा है। सरकार इन सब दिकतो का सामना कैसे और कितनी सूझ भुज से करती है? वैसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सब मूल निवासियों को यकीन दिलाया है के वो इस मुश्किल घडी में सब मूल निवासियों के साथ है। इस कठिन दौर का सामना बहुत सूझ भुज से करेंगे। ये मुशील वक़्त जल्दी गुज़र जाएगा।

By Admin

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